मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो “मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता आह-ओ-ज़ारी ज़िंदगी है बे-क़रारी ज़िंदगी Urdu language is filled with a great number of thoughts and insights. Identical to this couplet of https://youtu.be/Lug0ffByUck